हिंदू परिवारों में कोई भी शुभ काम करते समय मुहूर्त का विचार किया जाता है। गृह निर्माण में भी चाहें नींव लगाने का समय हो, चाहे गृह प्रवेश का या वास्तु पूजा हो, प्रत्येक कार्य में पंड़ितों से शुभ मुहूर्त पूछ कर नवग्रह की पूजा की जाती है तथा उसके पश्चात ही घर का निर्माण कार्य अथवा गृह प्रवेश का कार्य शुरु किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार गृह निर्माण कार्य राशि तथा महीनों के अनुसार करवाना चाहिए।
गृह संस्थापनं चैत्रे दनहानिर्मदायर्य, वैशाखे शुभदं विदंयात ज्येष्ठेतु मरण् दृष्टम्
आषाढ़े गोकुलम हति श्रावणे पुत्र वर्धनम्, प्रजारोगम् भाद्रपदे कुल होध्ययुजे तथा
कार्तके धन लाभास्यान्मार्ण शीर्ष महाभयम्, पुष्ये चाग्निभयम् विद्यानमगेतु बहुपुत्र वान
फाल्गुने रत्न लाभस्थन्मसनाम चा शुभा शुभम्।।
उक्त श्लोक के अनुसार किस माह में बनाए जाने वाले मकान का क्या फल होता है, यह निम्न प्रकार हैः
चैत्र मास में – धन हानि एवं भय देने वाला
वैशाख मास में – उत्तम फलदायी
ज्येष्ठ मास में – मृत्युभय कारक
आषाढ़ मास में – पशुधन हानि करने वाला
श्रावण मास में – भवन स्वामी के लिए संपन्नतादायक
भाद्रपद मास में – रोग तथा बीमारी देने वाला
आश्विन मास में – घर में कलह, लड़ाई-झगड़ा कराने वाला
कार्तिक मास में – धन, संपत्ति तथा ऐश्वर्य देने वाला
मार्गशीष मास में – दुर्भाग्य तथा कठिनाईयां लाने वाला
पौष मास में – भयकारक
माघ मास में – भवन में रहने वाले सभी लोगों के लिए सौभाग्यशाली
फाल्गुन मास में – सुख-समृद्धि दाता
इसके अतिरिक्त वार भी देखे जातें हैं, शास्त्रों में उल्लेख किया गया हैः
भानुवासरे कृत्तम वेश्मं बहिनाद्धयायतेचिरात् चांद्र चवर्धते शुक्लपक्षे विश्यतेशीयते कृष्णपक्षते
भौमवारे तदं सेवातल्लग्ने सप्तमेपिवा दद्यते तदृहम शून्यमम् कर्तुर्मरण मेव च
भुदवारे धनैश्वर्यम् पुत्र संपत्सुखावहम् गुरुवारे चिरम् तीष्टत्कर्ताच सुख संपदम्
चिरामतिष्ठे-मदवारेतस्करेभ्योमहाभयम्
इस श्लोक के अनुसार वार एवं पक्ष के अनुसार भवन बनाने का निम्न फल होता है
शुक्लपक्ष का सोमवार- सभी प्रकार की सुख-संपत्ति देने वाला
कृष्णपक्ष का सोमवार- इस दिन किसी भी स्थिति में कार्य शुरु नहीं करना चाहिए
मंगलवार- अग्नि भय तथा मृत्यु देने वाला
बुधवार- समस्त प्रकार की सुख-समृद्धि तथा खुशियां देने वाला
गुरुवार- संतान सुख, समृद्धि तथा आयु बढ़ाने वाला
शुक्रवार- शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक शांति व वृद्धि करने वाला
शनिवार- भवन तो लंबे समय तक स्थाई रहेगा परन्तु वहां के निवासी दुख भोगेंगे
रविवार- अग्निभय कारक तथा दुख देने वाला
भवन निर्माण के लिए मुहूर्त निकालते समय माह तथा वार के अतिरिक्त अन्य बातें भी देखी जाती हैं। इनमें भूमिस्वामी की जन्मकुंडली, उसकी जन्मराशि तथा ग्रह-गोचर दशा, शुभ नक्षत्र, चन्द्रमा आदि प्रमुख हैं। अतः भवन निर्माण का कार्य शुरु करने के पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से अवश्य परामर्श कर लेना चाहिए।